यहां पर स्नान संबंधी कुछ सुझाव है, जिनका आपको ध्यान में रखने के लिए यहां पर स्नान संबंधी कुछ सुझाव हैं, भले ही आपका शिशु किसी भी आयु का हो :
- शिशु को स्नानगृह में कभी भी अकेला न छोड़े।
- जब आपका शिशु खेलकर बहुत थका हो, उस समय उसे स्नान न कराएं।
- स्नान का पानी लगभग 37-39°C होना चाहिए।
- अधिक हवादार स्थान से बचें और यदि संभव हो तो कमरे को आरामदायक तापमान तक गर्म करें।
- आपको जिन चीजों की आवशयकता हो उनकी तैयारी पहले ही कर लें और उन्हें अपने हाथ की दूरी के भीतर ही रखें।
- अपने शिशु के कानों को साफ़ करने के लिए उनमें कभी भी कुछ न डालें और न रखें ।।
- नहलाते समय, सबसे साफ़ और नाजुक अंगो से शुरुआत करें और फ़िर मैले अंगो तक जाएं।
- अपने शिशु को साफ़ करने के लिए कभी भी उनके कानों में न कुछ डाले और न ही रखें।
- कान के बाहरी भाग को कोमलता से पोंछना मात्र काफ़ी हैं।
- लड़कियों के लिए - लड़कियों के जननांगो को हमेशा आगे से पीछे की और धोएं।
- लड़कों के लिए - चमड़ी को भीतर से साफ़ करने के लिए उसे पीछे की और खींचने का प्रयास न करें।
- पहले कुछ वर्षो के पश्चात् यह स्वाभाविक रूप से हो जाएगा।
- यदि आपके बेटे का हाल ही में खतना किया गया है, तो जख्म भरने तक टब में स्नान न कराएँ।
- स्नान उपरांत स्वाभाविक रूप से मालिश का समय होता हैं।
- मालिश के लिए सब चीज़ें जैसे कि, बच्चों का लोशन या तेल तैयार रखें, जिससे आपका शिशु का बदन ठंडा ना हो जाए।।